Current Affairs 10 May 2022
Join us on WhatsApp for Daily Updates – Click Here
करेंट अफेयर्स – 10 मई 2022
दैनिक समसामयिकी (Current Affairs) के मुद्दों की महत्त्वपूर्ण जानकारी आज के इस लेख द्वारा उपलब्ध कराई गई है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उपयोगी है –
महाराणा प्रताप की जयंती
प्रतिवर्ष 9 मई को राजस्थान के वीर सपूत ‘महाराणा प्रताप’ की जयंती मनाई जाती है। इस दिवस पर मेवाड़ के इस महान योद्धा के अदभुत शौर्य, साहस और बलिदान को याद किया जाता है।
महाराणा प्रताप के बारे में :
महाराणा प्रताप का जन्म उदयसिंह एवं माता रानी जीवत कंवर के घर ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया, विक्रम संवत-1597 तदनुसार 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग के बादल महल (राजस्थान) में हुआ था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था। उनके बचपन का नाम ‘कीका’ था। उन्हे यह नाम भीलों से मिला था। भीलों की बोली में कीका का अर्थ ‘बेटा’ होता है। उन्होंने अपनी माँ से युद्ध कौशल सीखा था। प्रताप मेवाड में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। उनका शासन काल 1568-1597 ई. (29 साल) तक रहा। 1596 में शिकार खेलते समय उन्हें गंभीर चोट लगी थी, जिससे वे कभी उबर नहीं पाए। 19 जनवरी, 1597 को 57 वर्ष आयु में चावड़ में उनका देहांत हो गया। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिए अमर है।
चर्चित युद्ध :
- महाराणा प्रताप ने 1582 में दिवेर के युद्ध में उन सभी क्षेत्रों को अपने अधीन मे ले लिया था, जो कभी मुगलों के कब्जे में चले गए थे। 1585 तक लंबे संघर्ष के बाद वह मेवाड़ को मुगलों से मुक्त कराने में सफल रहे थे। अपने शासन काल के दौरान महाराणा प्रताप ने मुगलों से कई लड़ाईयाँ लड़ी। कर्नल जेम्स टॉड ने इस युद्ध को मेवाड़ का मैराथन कहा था।
- महाराणा प्रताप का सबसे चर्चित युद्ध हल्दीघाटी का युद्ध माना जाता है, जो मध्यकालीन भारतीय इतिहास का सबसे चर्चित युद्ध है। यह विनाशकारी युद्ध महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर की तरफ से मानसिंह के बीच 1576 में लड़ा गया था। महाराणा प्रताप ने अपनी 20,000 की सेना के साथ अकबर के 80,000 मुगल सैनिकों का सामना किया था। एक दिन तक चले इस युद्ध में लगभग 17,000 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी। महाराणा का प्रिय घोड़ा ‘चेतक’ इस युद्ध में जख्मी हो गया था। हल्दीघाटी के युद्ध के बाद मेवाड़, चित्तौड़, गोगुंडा, कुंभलगढ़ और उदयपुर पर मुगलों का कब्जा हो गया था लेकिन फिर भी महाराणा प्रताप ने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और अपना स्वाभिमान नहीं छोड़ा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु :
- महाराणा प्रताप के भाले का कुल वजन 81 किलोग्राम था।
- उनके छाती का कवच 72 किलोग्राम वजनी था।
- भाला, कवच, ढाल और दो तलवारों के साथ उनके अस्त्र और शस्त्रों का कुल वजन 208 किलोग्राम था।
सीमा सड़क संगठन (BRO) की स्थापना को पूर्ण हुए 62 साल
भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने व उत्तर और उत्तर-पूर्वी राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास के उद्देश्य से दिनांक 7 मई, 1960 को सीमा सड़क संगठन (BRO) का गठन किया गया था। इसने देश में आपदा प्रबंधन के कार्यो जैसे 2004 में तमिलनाडु में सुनामी, 2005 में कश्मीर में भूकंप, 2010 में लद्दाख में बाढ़ के बाद पुनर्निर्माण कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सीमा सड़क संगठन (BRO) के बारे में :
- यह सड़क निर्माण कंपनी रक्षा मंत्रालय के तहत कार्य करती है।
- इसका मुख्य कार्य देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क संपर्क बनाना है।
- बीआरओ देश के समग्र सामरिक और रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बुनियादी ढाँचे का निर्माण भी करता है।
- यह भारतीय सेना की रणनीति-संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के रखरखाव कार्यों व 53,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों के लिए जिम्मेदार है।
- बीआरओ फॉर्मेशन कटिंग, सरफेसिंग, पुल का निर्माण और रिसर्फेसिंग का कार्य करता है।
- इसने भारत के पड़ोसी मित्र देशों जैसे अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका और नेपाल में सड़क निर्माण करके योगदान दिया है।
‘व्हीकल मूवमेंट ट्रैकिंग सिस्टम’ मोबाइल एप
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में व्हीकल मूवमेंट ट्रैकिंग सिस्टम (VMTS) एप लॉन्च किया है। यह एप राज्य में मिट्टी और अन्य खनन सामग्री ले जाने वाले माफियाओं को ट्रैक करेगा। इस एप का उपयोग राज्य के सभी जिलों में अलग-अलग चेकपॉइंट पर किया जाएगा। यह एप वाहन के प्रकार, वाहन की संख्या और चालक के आने-जाने का विवरण आदि आंकड़े संग्रहित करेगा। अब अपंजीकृत व्यक्ति बालू खनन क्षेत्र में गैर-कानूनी तरीके से प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
इस एप के बारे में :
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, हरियाणा द्वारा इस एप को इन-हाउस डिजाइन और विकसित किया गया है। एप का उपयोग समस्त जिलों में अलग-अलग चौकियों पर वाहन से संबंधित डाटा संग्रहण के लिए किया जाएगा। अधिकारीयों द्वारा प्रारंभिक चेक पोस्ट से वाहन के निकास को अंतरिम निकास के रूप में चिह्नित करने की सुविधा इस एप में शामिल की गई है।
विश्व एथलेटिक्स दिवस-2022
हर साल 7 मई को विश्व एथलेटिक्स दिवस मनाया जाता है। युवाओं में फिटनेस के महत्त्व से संबंधित जागरूकता फैलाने और एथलेटिक्स में रूचि बढ़ाने के लिए इस दिवस को चिह्नित किया गया है। इस दिवस के अवसर पर इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन की तरफ से स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में दौड़, शॉट पुट जैसे एथलेटिक खेलों का आयोजन किया जाता है। विशेष रूप में उन खेलों का आयोजन किया जाता है, जिसमें ताकत और सहन-शक्ति की आवश्यकता होती है।
इस दिवस का इतिहास :
वर्ष 1996 में International Association of Athletics Federations (IAAF) के तत्कालीन अध्यक्ष प्रिमो नेबियोलो द्वारा विश्व एथलेटिक्स दिवस मनाने की शुरुआत की गई। हर साल इस दिवस का आयोजन और प्रायोजन करने वाला International Association of Athletics Federations एक विश्व एथलेटिक्स महासंघ और एथलेटिक्स के क्षेत्र के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय शासी निकाय है। IAAF फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।
IRCTC की ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), रेल मंत्रालय की नई नीति के तहत दिनांक 21 जून, 2022 को पहली भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन शुरू करेगा। भारत गौरव पर्यटक ट्रेनों की शुरुआत करने का उद्देश्य देश के ऐतिहासिक स्थानों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भारत के नागरिकों के साथ-साथ विश्व के पर्यटकों को दिखाना है। ये थीम बेस्ड टूरिस्ट सर्किट ट्रेनें होगी। केंद्र सरकार ने ‘देखो अपना देश’ पहल के तहत इन ट्रैन को लॉन्च किया है।
यह ट्रेन भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े सभी प्रमुख स्थानों को प्रदर्शित करेगी। ट्रेन के पथ में माता सीता का जन्मस्थान जनकपुर, नेपाल भी शामिल है। इस ट्रेन का पहला सफर दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से शुरू हो कर स्वदेश दर्शन योजना के रामायण सर्किट तक चलेगा। यह सफर 18 दिन में पूरा होगा। अपने 8000 किलोमीटर की यात्रा में यह ट्रेन निम्न शहरो से हो कर गुजरेगी –
अयोध्या-बक्सर-सीतामढ़ी-वाराणसी-नासिक-कृष्णकिंधा,हम्पी-रामेश्वरम-कांचीपुरम-भद्राचलम,तेलंगाना-दिल्ली।